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Successful Poultry Farming Business Ideas

मुर्गी पालन का व्यापार बिजनेस कैसे शुरू करें |

Poultry Farming Business Plan 2021 in Hindi

( How to Start Layer Poultry Farming Business for beginners, benefits, income in India)

दूध और अंडा इस समय सभी लोगों द्वारा ग्रहण किया जाता है. इसके लिए कई जगहों पर पोल्ट्री फॉर्म और डेरी फॉर्म की स्थापना की जाती है. इन पोल्ट्री और डेयरी फार्म की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पशुपालन और व्यापार होता है. अतः ये व्यापार एक बहुत ही अच्छा और सुखद अनुभूति देने वाला काम है, जिसके लिए सरकार बहुत कम व्याज दर पर ऋण भी देती है. यहाँ पर पोल्ट्री  फार्म के स्थापना के विषय में दिया जायेगा.

मुर्गी पालन का काम की स्थापना के लिए सही जगह की आवश्यक्ता (Need the Correct Place for start Poultry Farming Business):

इसके लिए कुछ अधिक जगह की आवश्यकता पड़ती है. इस व्यापार में इस्तेमाल होने वाली जगह का बहुत बड़ी भूमिका होती है. पोल्ट्री और डेरी फार्म की स्थापना के लिए आवश्यक जगहों का वर्णन नीचे दिया जा रहा है.

पोल्ट्री फॉर्म अथवा डेरी फार्म के लिये साफ़ सुथरी और लम्बी जगहों की आवश्यकता होती है. यह दरअसल इस व्यापार का सबसे महंगा हिस्सा है, किन्तु इसके लिये डरने की आवश्यकता नहीं है. छोटे पैमाने पर इस व्यापार को करने के लिए आप अपने घर के आस पास की ज़मीन का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्यों कि मवेशियों अथवा पाली गयी मुर्गियों की संख्या पर इस्तेमाल होने वाली ज़मीन की लम्बाई- चौडाई निर्भर करती है. वातावरण की कुछ विशिष्ट वर्णन नीचे दिए जा रहे हैं,

  • इसके लिए ख़ास कर वैसी जगहो का चयन करना चाहिये, जो शहर से थोड़ी दूर होती है, ताकि जानवरों को होर्न आदि से कोई परेशानी न हो.
  • अपने चुने गये जगह पर ये तय कर लें कि पानी की कमी किसी भी तरह से नहीं होगी. यदि आप फार्म घर के आस पास लगाना चाहते हैं तो ये परेशानी आपको पेश नहीं आएँगी.
  • जगह चुनने से पहले वहाँ ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था का जायजा ज़रूरो ले लें.

मुर्गी पालन का काम के लिए ऋण (Poultry farming subsidy):

पोल्ट्री फॉर्म के लिए सरकार आंशिक रूप से ऋण देती है. कल्पना कीजिये कि आप पोल्ट्री फॉर्म की स्थापना करना चाहते हैं और इसका बजट 1 लाख रूपए का बनाया है, हालांकि इसका बजट 1 लाख से ऊपर का होता है. फिर भी यदि 1 लाख रूपए का बजट हो, तो सरकार इस पर सब्सिडी प्रदान करती है, जनरल कैटेगरी वालों को 25% प्रतिशत यानि 25000 रू की सब्सिडी और यदि आप एसटी/ एससी कैटेगरी के हों, तो 35% प्रतिशत रू 35000 की सब्सिडी देती हैं. ये सब्सिडी NABARD और एमएएमसई द्वारा दी जाती है. इसी तरह आप कम खर्च में पेन बनाने का व्यापार शुरू कर सकते है.

मुर्गी पालन का काम के लिए लोन के लिए कैसे अप्लाई करें (How to apply Loan for poultry farming):

सरकार इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनायें लागू करती है, किन्तु लोगों तक इस योजनाओं की जानकारी नहीं पहुँच पाती और वे इनके लाभ से वंचित रह जाते हैं. सब्सिडी का अर्थ है, कि जितने पैसे की आवश्यकता होती है वह ऋण के मध्यम से मिल जाता है. इस तरह से आपको अपने घर से एक पैसा लगाने की ज़रुरत नही पड़ती है. कई बार लोग विभिन्न तरह की भ्रांतियों जैसे ऋण आदि के विषय में सोच कर इन योजनाओं का लाभ नहीं उठाते हैं. इस काम के लिए कोई भी बैंक आसानी से ऋण दे देता है. दरअसल भारत सरकार द्वारा देश के विभिन्न बैंकों को ये निर्देश दे रखा है, कि वे फार्मिंग के लिए लोन दें. अतः वे फार्मिंग ऋण देने के लिए कटिबद्ध है. साथ ही सरकार फार्मिंग ऋण का रिस्क भी उठाती है.

मुर्गी पालन का काम के लिए व्याज दर (Poultry farm interest rates):

इस व्यवसाय के लिए लिए गए ऋण पर 0% की  दर लागू होती है, यानि मूलधन के अलावा आपको किसी तरह का व्याज बैंक को लौटाने की ज़रुरत नहीं पड़ती है.

मुर्गी पालन का काम के व्यवसाय को कैसे स्थापित करें (How to manage and Start poultry farm Business in hindi):

क्यों कि इस व्यापार को सरकार का पूरा सहयोग प्राप्त होता है, अतः इसे बहुत ही व्यवस्थित तरह से शुरू करने की ज़रुरत होती है. यहाँ पर इसके आवश्यक तथ्यों का वर्णन किया जा रहा है.

  • स्थान का चयन: सबसे पहले स्थान का चयन कर लें. इस स्थान पर पशुओं को रहने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था पूरा करें. स्थान की साफ़ सफाई के लिए भी व्यवस्थाएं करनी होती हैं.
  • पंजीकरण : इसके बाद अपने पोल्ट्री फार्म को एमएसएमई के द्वारा एक कंपनी अथवा एमएसएमई के ज़रिये पंजीकृत करें. एमएसएमई की सहायता से उद्योग आधार का पंजीकरण आसानी से हो जाता है. उद्योग आधार का पंजीकरण कराने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें.
    1. उद्योग आधार में ऑनलाइन बहुत सरलता से पंजीकरण करा सकते हैं. ऑनलाइन पंजिकरण के लिए वेबसाईट udyogaadhar.gov.in पर विजिट करें.
    2. इस वेबसाइट पर जाने के बाद आपको वहाँ पर उद्यमी को आधार संख्या और उसका नाम डालना होता है. उसके बाद ‘वैलिडेट आधार’ वाले विकल्प पर क्लिक करें.
    3. इस पर क्लिक करते ही आपका आधार वैलिडेट हो जाता है और आगे की प्रक्रिया करनी होती है.
    4. आधार वैलिडेट हो जाने के बाद कंपनी का नाम, कम्पनी का प्रक्रार, व्यवसाय का पता, राज्य, जिला, पिन संख्या, मोबाइल संख्या, व्यवसाय की ईमल, व्यवसाय शुरू होने की तारीख, पूर्व पंजीकरण डिटेल, बैंक डिटेल, एनआईसी कोड, कम्पनी में काम करने वाले लोगों की संख्या, इन्वेस्टमेंट की राशि आदि डाल के कैप्त्चा डालें.
    5. इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें.
        1. अब एमएसएमई की तरफ से सर्टिफिकेट जेनरेट हो जाता है, इसके बाद आपके ईमेल में भी सर्टिफिकेट आ जाता है. आप इस ईमेल से इसका प्रिंट करा कर अपने ऑफिस में लगा सकते हैं.

      इस तरह से आपकी कंपनी पंजीकृत हो जाती है और इसकी सहायता से आप लोन भी ले सकते हैं या अन्य औपचारिक कार्यों में भी इसका प्रयोग कर सकते हैं.

      • हिसाब: इसके बाद एक सादे काग़ज़ पर पोल्ट्री या डेरी फार्म बनाने में आने वाले खर्चों को मसलन छत बनाने का, स्टैंड बनाने का, नेट आदि के ख़र्च का हस्तलिखित हिसाब कर लें. इसके बाद इस हिसाब के साथ अपना पता प्रमाण पत्र, अपनी पहचान पत्र आदि के साथ अपने नजदीकी बैंक में पहुँच जाएँ.
      • सर्विस बैंक लोनसर्विस बैंक लोन ऋण प्राप्त होने के बाद की प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के अंतर्गत ऋण प्राप्तकर्ता को विभिन्न तरह के प्रपत्रों पर हस्ताक्षर करने होते हैं.
      • सब्सिडी रिलीज़इसकी सबसे अच्छी बात ये है, कि जिस बैंक से आप ऋण ले रहे हैं, वही बैंक नाबार्ड के ज़रिये सब्सिडी सेनशन करती है. सब्सिडी के लिए किसी दूसरी जगह पर जाने की आवश्यकता नहीं होती है. ये सब्सिडी आपके बैंक अकाउंट में खुद ब खुद पहुँच जाता है.
        • तात्कालिक समय में देश में पोल्ट्री और डेरी फमिंग बहुत व्यवस्थित तरह से नहीं हो रही है. अतः सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरह की सुविधाएँ और 0% व्याज दर पर वाज दे रही है.
        • यदि आप किसान हैं, तो फिर जानवरों के खाने के लिए भी अधिक चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती है, क्यों कि पैदा हुए अनाज के एक हिस्से और पुआल वगैरह से मवेशियों का आहार तैयार किया जा सकेगा.
        • पोल्ट्री फार्म से कई अन्य बेरोजगार लोगों को विभिन्न तरह के काम मिल जाया करते हैं.
        • भारत में लगभग सभी तरह के डेरी और पोल्ट्री फार्म से उत्पन्न वस्तुओं की खपत बहुत अधिक मात्रा में होती है, अतः इसमें लाभ की बहुत बड़ी उम्मीद होती है.
        • ये एक ऐसा व्यापार है, जिसे यदि अच्छे से चलाया जाए तो एक समय में सरकारी ऋण चूका कर एक अच्छे खासे पोल्ट्री फॉर्म का मालिक बना जा सकता है.

          इस तरह आपका मुर्गी पालन का काम स्थापित हो जाता है.

          मुर्गी पालन का काम से लाभ (Farming business benefits):

          अतः उपरोक्त लिखी गयी बातों से ये स्पष्ट है कि पोल्ट्री फॉर्म बहुत आसानी से सरकारी सहायता से शुरू की जा सकती है और साथ ही खूब लाभ कमाया जा सकता है.

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